इंडस वाटर ट्रीटी भारत के लिए अब एक नया दौर शुरू हो रहा है। 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए इस ऐतिहासिक समझौते को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने पश्चिमी नदियों (सिंधु, झेलम और चेनाब) के पानी को पूरी तरह भारतीय हित में उपयोग करने की योजना बनाई है। इससे पाकिस्तान में जबरदस्त बेचैनी और राजनीतिक हलचल मची हुई है।
इंडस वाटर ट्रीटी भारत में दशकों से चली आ रही जल वितरण व्यवस्था अब बदल सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत की जल-नीति को मजबूत करेगा और किसानों को सिंचाई के लिए अतिरिक्त पानी उपलब्ध कराएगा।
इंडस वाटर ट्रीटी भारत में क्या है सरकार की नई रणनीति?
मोदी सरकार की योजना के तहत तलबुल परियोजना (Tulbul Project) को फिर से शुरू किया जाएगा। इसके अलावा 113 किलोमीटर लंबी नहर बनाई जाएगी, जिससे सिंधु नदी का अतिरिक्त पानी पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के किसानों तक पहुँचाया जाएगा।
इंडस वाटर ट्रीटी भारत की समीक्षा में सरकार ने पाया कि पाकिस्तान को दी जाने वाली बड़ी जल-राशि भारत के कृषि और बिजली उत्पादन में भी काम आ सकती है। इसी वजह से अब इस समझौते को आंशिक रूप से निलंबित किया जा रहा है।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय हलचल
इंडस वाटर ट्रीटी भारत में बदलाव की खबर मिलते ही पाकिस्तान ने कड़ी आपत्ति जताई है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह समझौता अंतरराष्ट्रीय संधि के तहत पवित्र है और भारत को इसका उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
वहीं भारत ने साफ कर दिया है कि यह कदम पूरी तरह राष्ट्रीय हितों और जल अधिकारों की रक्षा के लिए उठाया गया है।
किसानों को क्या होगा फायदा?
सरकार के मुताबिक, अगर भारत अपनी नदियों के पानी का अधिकतम उपयोग करे, तो करीब 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा बढ़ाई जा सकती है। इससे फसल उत्पादन और किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी।
इंडस वाटर ट्रीटी भारत की नई रणनीति से राजस्थान और पंजाब के सूखा-प्रभावित इलाकों को भी राहत मिलेगी।
इंडस वाटर ट्रीटी भारत पर विपक्ष का रुख
विपक्ष ने कहा है कि सरकार को इस निर्णय से पहले संसद में विस्तृत चर्चा करनी चाहिए थी। कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इससे भारत-पाक संबंध और अधिक तनावपूर्ण हो सकते हैं।
FAQs
Q1. इंडस वाटर ट्रीटी भारत में कब लागू हुई थी?
1960 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तानी राष्ट्रपति अयूब खान के बीच यह संधि हुई थी।
Q2. भारत इस ट्रीटी में क्या बदलाव कर रहा है?
भारत अब पश्चिमी नदियों के जल का अधिकतम उपयोग करने की योजना बना रहा है, जिससे पाकिस्तान को दी जाने वाली जल-राशि सीमित की जा सकती है।
Q3. क्या यह बदलाव किसानों को फायदा पहुंचाएगा?
हां, सरकार के अनुसार इस योजना से लाखों हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा बढ़ेगी।
Q4. क्या पाकिस्तान ने इसका विरोध किया है?
जी हां, पाकिस्तान ने कड़ा विरोध दर्ज कराते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन बताया है।
Q5. क्या तलबुल प्रोजेक्ट पहले भी विवाद में रहा है?
तलबुल प्रोजेक्ट लंबे समय से विवादित रहा है, जिसे पाकिस्तान हमेशा आपत्ति का कारण बताता रहा है।
Q6. क्या भारत पूरी तरह से इंडस वाटर ट्रीटी से बाहर निकल रहा है?
नहीं, फिलहाल भारत ने संधि को निलंबित किया है और पानी के अपने हिस्से के उपयोग को अधिकतम करने की योजना बनाई है। पूरी तरह बाहर निकलने पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ।
Q7. क्या इस कदम से भारत की सिंचाई क्षमता बढ़ेगी?
जी हां, सरकार का दावा है कि इससे सिंचाई का रकबा बढ़ेगा और किसानों की फसल उत्पादन लागत कम होगी।
Q8. इंडस वाटर ट्रीटी भारत के किन राज्यों को सबसे ज्यादा फायदा होगा?
पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश को सबसे अधिक लाभ होगा।
Q9. क्या इससे भारत-पाक व्यापार पर असर पड़ेगा?
विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे द्विपक्षीय रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है, जिसका असर व्यापार पर भी हो सकता है।
Q10. तलबुल प्रोजेक्ट क्या है और क्यों महत्वपूर्ण है?
तलबुल प्रोजेक्ट झेलम नदी पर एक नेविगेशन लॉक प्रोजेक्ट है, जिसे भारत ने 1980 में शुरू किया था। पाकिस्तान इसका लगातार विरोध करता रहा है।