ईरान पर इज़राइल ईरान हमला: परमाणु ठिकानों पर विनाशकारी बमबारी, मध्य पूर्व में गहराया संकट!

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इज़राइल ईरान हमला

पुंड्रक, हरियाणा, [13 जून 2025]: आज सुबह मध्य पूर्व से आई एक खबर ने पूरी दुनिया को हिला दिया है। इज़राइल ने ईरान के कई अहम परमाणु ठिकानों पर भीषण हमला कर दिया है। आधी रात को हुई इस विनाशकारी बमबारी से ईरान के नतांज और फोर्दो जैसे संवेदनशील परमाणु स्थल बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इस इज़राइल ईरान हमला के बाद मध्य पूर्व में गहराया संकट है और विश्वभर में भू-राजनीतिक तनाव बहुत बढ़ गया है। यह एक ऐसा कदम है जिसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं और विशेषज्ञों का मानना है कि यह सीधे तौर पर इज़राइल-ईरान युद्ध की आशंका को बढ़ा रहा है।


इज़राइल ईरान हमला: क्या हुआ और कैसे हुआ?

आज तड़के इज़राइल वायु सेना के लड़ाकू विमानों और लंबी दूरी की मिसाइलों ने ईरान के भीतर कई लक्षित हमले किए। शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक, नतांज में यूरेनियम संवर्धन सुविधा और फोर्दो में भूमिगत परमाणु स्थल को खास तौर पर निशाना बनाया गया। ईरान के सरकारी मीडिया ने पहले इन हमलों से इनकार किया, लेकिन बाद में कुछ सैन्य ठिकानों और परमाणु सुविधाओं को आंशिक नुकसान पहुंचने की बात मान ली। इजरायल ने इस बड़े ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ नाम दिया है। इजरायल का दावा है कि इस इज़राइल ईरान हमला में ईरान के कई परमाणु वैज्ञानिक और बड़े सैन्य अधिकारी मारे गए हैं, हालांकि ईरान ने सिर्फ कुछ अधिकारियों की मौत की पुष्टि की है।

सूत्रों के अनुसार, इज़राइल ने इस हमले के लिए अपनी सबसे आधुनिक स्टेल्थ तकनीक वाले F-35 लड़ाकू विमानों और लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल किया। इन विमानों ने ईरानी वायु रक्षा प्रणालियों को चकमा देते हुए बिल्कुल सही ठिकानों पर वार किया। ऐसा माना जा रहा है कि इजरायल ने ईरानी वायु रक्षा प्रणालियों (जैसे बवर 373) को नाकाम करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीक का भी इस्तेमाल किया, जिससे ईरान को हमले का पता देर से चला। हमला सुबह-सुबह किया गया, जब सुरक्षा प्रणालियों के ऑपरेटर कम सतर्क होते हैं।


इज़राइल ईरान हमला: आखिर क्यों हुआ यह हमला?

इज़राइल लंबे समय से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अपनी सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा मानता रहा है। इजरायल का आरोप है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम का इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने के लिए कर रहा है, जबकि ईरान हमेशा कहता रहा है कि उसका कार्यक्रम शांतिपूर्ण मकसद के लिए है। इजरायल नहीं चाहता कि उसके किसी भी दुश्मन देश के पास परमाणु बम हो, और वह ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए हर संभव कदम उठाने को तैयार है। इज़राइल ईरान हमला इसी बड़ी चिंता का सीधा नतीजा है।

हाल ही में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की रिपोर्टों में भी कहा गया था कि ईरान ने अब तक 10 परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम इकट्ठा कर लिया है, जिससे इज़राइल का डर और बढ़ गया था। इसके अलावा, ईरान पर ऐसे आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने का भी आरोप है जो इज़राइल के खिलाफ काम करते हैं, जैसे हमास और हिजबुल्लाह।


इज़राइल ईरान हमला: प्रमुख हस्तियों की प्रतिक्रियाएँ

इस इज़राइल ईरान हमला के बाद दुनिया भर के नेताओं की प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं:

  • इज़राइल : इज़राइल प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले की सीधे तौर पर पुष्टि नहीं की है, लेकिन एक बयान में कहा कि “इजरायल अपनी सुरक्षा के लिए कोई भी जरूरी कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा।” उन्होंने कहा कि ईरान परमाणु हथियार बनाने के करीब है, और यह इजरायल के अस्तित्व के लिए सीधा खतरा है।
  • ईरान: ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इस हमले को “युद्ध का काम” बताते हुए इज़राइल पर जवाबी कार्रवाई की कसम खाई है। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के प्रमुख ने कहा है कि इज़राइल को “खून का बदला खून” की तर्ज पर चुकाना होगा। ईरान ने हमले के कुछ घंटे बाद ही इजरायल की ओर लगभग 100 ड्रोन भेजे हैं, हालांकि इजरायल ने दावा किया है कि उन्हें रोक दिया गया।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस हमले पर “गहरी चिंता” जताई है और सभी पक्षों से “शांति बनाए रखने” का आग्रह किया है। अमेरिका ने इज़राइल की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है, लेकिन साथ ही तनाव को बढ़ने से रोकने के लिए बातचीत पर जोर दिया है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की बात कही है।
  • संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने स्थिति पर “गंभीर चिंता” व्यक्त की है और सभी पक्षों से तुरंत तनाव कम करने और बातचीत से समाधान खोजने की अपील की है। उन्होंने कहा कि परमाणु अप्रसार संधि का सम्मान किया जाना चाहिए।
  • अन्य देश: सऊदी अरब और ओमान जैसे अरब देशों ने इज़राइल ईरान हमला की कड़ी निंदा की है और ईरान के प्रति समर्थन जताया है। चीन और रूस ने भी मध्य पूर्व में स्थिरता बनाए रखने के लिए सभी पक्षों से संयम बरतने को कहा है। भारत के विदेश मंत्रालय ने भी दोनों देशों से शांति और संयम बरतने की अपील की है, क्योंकि भारत के दोनों देशों के साथ अच्छे संबंध हैं।

इज़राइल ईरान हमला : इस हमले के बाद आगे क्या?

इस इजरायल ईरान हमला के बाद मध्य पूर्व में गहराया संकट है और तनाव बहुत बढ़ गया है।

  • क्षेत्रीय युद्ध का खतरा: सबसे बड़ी चिंता एक बड़े क्षेत्रीय युद्ध की है, जिसमें ईरान के समर्थक समूह (जैसे लेबनान का हिजबुल्लाह, यमन के हूती विद्रोही) शामिल हो सकते हैं।
  • तेल बाजार पर असर: तेल की कीमतें तुरंत बढ़ गई हैं, और यदि तनाव बढ़ता है तो दुनिया भर में ऊर्जा की आपूर्ति पर बड़ा असर पड़ सकता है।
  • परमाणु कार्यक्रम: ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को और तेजी से आगे बढ़ा सकता है, जिससे परमाणु हथियारों के प्रसार का खतरा बढ़ जाएगा।
  • अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति: संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक शक्तियां अब इस संकट को रोकने के लिए आपातकालीन कूटनीति का सहारा ले सकती हैं।

यह घटना मध्य पूर्व के नाजुक संतुलन को पूरी तरह से बिगाड़ सकती है और इसके वैश्विक स्तर पर बड़े आर्थिक और राजनीतिक परिणाम हो सकते हैं। आने वाले दिन बहुत अहम होंगे क्योंकि दुनिया इस स्थिति पर करीब से नजर रख रही है।

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