अमेरिका ईरान परमाणु विवाद ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव को एक नई ऊंचाई पर पहुँचा दिया है। हाल ही में अमेरिका ने ईरान के महत्वपूर्ण परमाणु ठिकानों पर बड़ा हवाई हमला किया। इसे Operation Midnight Hammer नाम दिया गया। अमेरिकी रक्षा विभाग ने दावा किया कि इस हमले से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सालों पीछे धकेल दिया गया है।
लेकिन इसी हमले पर अमेरिकी कांग्रेस में आयोजित खुफिया ब्रीफिंग में कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, इस ऑपरेशन का असर उतना व्यापक नहीं रहा जितना सार्वजनिक रूप से बताया जा रहा था।
अमेरिका ईरान परमाणु विवाद में ऑपरेशन Midnight Hammer क्या था?
अमेरिका ईरान परमाणु विवाद में यह ऑपरेशन अब तक का सबसे बड़ा गुप्त सैन्य अभियान माना जा रहा है। इसमें अमेरिका ने अपने B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स की मदद से ईरान के फ़ोर्डो, नतांज और इस्फहान स्थित परमाणु स्थलों पर गहरी बंकर-बस्टर बमबारी की।
रक्षा विभाग के अनुसार, इस हमले में दर्जनों बम गिराए गए जिससे ईरान की संवेदनशील यूरेनियम संवर्धन क्षमता को भारी नुकसान हुआ।
अमेरिका ईरान परमाणु विवाद पर कांग्रेस की खुफिया ब्रीफिंग
अमेरिका ईरान परमाणु विवाद के इस हमले को लेकर अमेरिकी संसद (कांग्रेस) और सीनेट में एक गुप्त ब्रीफिंग आयोजित हुई। इसमें सीआईए डायरेक्टर, रक्षा सचिव और अन्य शीर्ष खुफिया अधिकारी मौजूद थे।
ब्रीफिंग में सामने आया कि:
- कुछ रिपोर्टों के अनुसार, ईरान की परमाणु क्षमताओं को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सका।
- हमले से केवल कुछ महीनों की देरी हुई है, जबकि सार्वजनिक बयान में इसे सालों पीछे धकेलने की बात कही गई थी।
- कई सांसदों ने हमले की रणनीति और इसके औचित्य पर सवाल खड़े किए।
अमेरिका ईरान परमाणु विवाद में राजनीतिक मतभेद
अमेरिका ईरान परमाणु विवाद को लेकर रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसदों में तीखी बहस भी देखने को मिली।
रिपब्लिकन नेताओं ने हमले को ईरान की आक्रामक नीति के खिलाफ निर्णायक कदम बताया, जबकि डेमोक्रेट नेताओं ने इसे जल्दबाजी में लिया गया फैसला कहा।
कुछ डेमोक्रेट सांसदों ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से ईरान के साथ टकराव और गहरा सकता है और पूरे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ सकती है।
अमेरिका ईरान परमाणु विवाद: क्या होगा अगला कदम?
सवाल यह उठ रहा है कि अब अमेरिका की अगली रणनीति क्या होगी। अमेरिकी रक्षा अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि अगर ईरान जवाबी कार्रवाई करता है तो अमेरिका और कड़े कदम उठा सकता है।
वहीं, ईरान ने इस हमले को अपनी संप्रभुता पर हमला करार देते हुए प्रतिशोध की चेतावनी दी है। इससे आशंका बढ़ गई है कि अमेरिका ईरान परमाणु विवाद आने वाले दिनों में और खतरनाक मोड़ ले सकता है।
अमेरिका ईरान परमाणु विवाद का वैश्विक प्रभाव
- मध्य पूर्व में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर खतरा बढ़ गया है।
- इज़राइल ने अमेरिका के कदम का समर्थन किया है।
- रूस और चीन ने इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की है।
संयुक्त राष्ट्र में भी इस विवाद को लेकर बहस तेज हो गई है।
📌 FAQs – अमेरिका ईरान परमाणु विवाद
Q1. अमेरिका ईरान परमाणु विवाद में हमला क्यों किया गया?
अमेरिका ने दावा किया कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ा रहा था, जिससे वैश्विक सुरक्षा को खतरा था।
Q2. ऑपरेशन Midnight Hammer क्या था?
यह एक गुप्त सैन्य अभियान था जिसमें अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर भारी बमबारी की।
Q3. क्या इस हमले से ईरान का परमाणु कार्यक्रम रुक गया?
खुफिया ब्रीफिंग के अनुसार, इससे कुछ महीनों की देरी तो हुई लेकिन इसे पूरी तरह नष्ट नहीं किया जा सका।
Q4. इस हमले पर अमेरिकी कांग्रेस की क्या राय है?
रिपब्लिकन ने इसे सही कदम बताया जबकि डेमोक्रेट ने सवाल उठाए कि क्या इससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ेगा।
Q5. ईरान की प्रतिक्रिया क्या रही?
ईरान ने इसे आक्रमण करार देते हुए जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
Q6. क्या इस हमले से तेल की कीमतों पर असर पड़ा?
हाँ, हमले के तुरंत बाद कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से उछाल आया।
Q7. क्या इस हमले का संयुक्त राष्ट्र में कोई विरोध हुआ?
रूस और चीन ने संयुक्त राष्ट्र में इस कार्रवाई की निंदा की।
Q8. क्या अमेरिका ने पहले भी ऐसा हमला किया है?
हाँ, इससे पहले भी ईरान पर साइबर और सीमित हमले हुए हैं लेकिन इतना बड़ा हमला पहली बार हुआ।
Q9. क्या इससे अमेरिका-ईरान रिश्ते सामान्य होंगे?
फिलहाल रिश्तों में तनाव बढ़ने की ही आशंका जताई जा रही है।
Q10. क्या इस हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच होगी?
ईरान ने संयुक्त राष्ट्र से जांच की मांग की है, लेकिन अमेरिका ने अब तक ऐसी किसी जांच पर सहमति नहीं दी है।