एस जयशंकर का बयान: ट्रंप के सीजफायर दावे पर सख्त जवाब – “मैं खुद कमरे में था”

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एस जयशंकर का बयान

एस जयशंकर का बयान भारत-अमेरिका रिश्तों में नया विवाद खड़ा कर रहा है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया कि उनके दबाव के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच 2019 में सीजफायर हुआ था। लेकिन भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इन दावों को साफ शब्दों में नकार दिया और कहा – “मैं खुद कमरे में था, ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई।”

यह बयान आते ही राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। जयशंकर के मुताबिक, भारत ने पाकिस्तान के साथ युद्धविराम अपने फैसले से किया, किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से नहीं।

एस जयशंकर का बयान – क्या था ट्रंप का दावा?

डोनाल्ड ट्रंप ने एक साक्षात्कार में कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की थी और भारत को पाकिस्तान के खिलाफ हमले रोकने के लिए राजी किया। उनका दावा था कि उनके हस्तक्षेप के कारण ही दोनों देशों के बीच तनाव कम हुआ।

लेकिन एस जयशंकर का बयान इससे बिल्कुल उलट है। उन्होंने साफ कहा कि भारत अपनी संप्रभु नीति के तहत ही फैसले लेता है और कोई भी बाहरी दबाव इस पर असर नहीं डालता।

एस जयशंकर का बयान – भारत की संप्रभुता पर जोर

जयशंकर ने कहा, “भारत ने हमेशा साफ किया है कि हमारे फैसले स्वतंत्र होते हैं। किसी तीसरे देश की भूमिका की कोई गुंजाइश नहीं। मैं उस समय खुद कमरे में था जब बातचीत हुई थी। ट्रंप का दावा पूरी तरह तथ्यहीन है।”

यह बयान न सिर्फ भारत की विदेश नीति को स्पष्ट करता है बल्कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े करता है।

एस जयशंकर का बयान – भारत-पाकिस्तान सीजफायर की असली कहानी

2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्ते चरम पर पहुंच गए थे। हालांकि, दोनों देशों ने बाद में सैन्य स्तर पर हॉटलाइन और डीजीएमओ मीटिंग के जरिए तनाव कम किया।

एस जयशंकर का बयान इस बात को रेखांकित करता है कि यह पहल भारत और पाकिस्तान के बीच हुई थी, किसी अमेरिकी दबाव से नहीं।

एस जयशंकर का बयान – अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं

जयशंकर के बयान के बाद अमेरिकी प्रशासन ने अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह विवाद आने वाले दिनों में दोनों देशों के रिश्तों को प्रभावित कर सकता है।

यूरोपियन मीडिया में भी एस जयशंकर का बयान चर्चा का विषय बना हुआ है। कई विशेषज्ञों ने इसे भारत की मजबूत कूटनीतिक स्थिति का संकेत बताया।

FAQs

Q1. एस जयशंकर का बयान किस संदर्भ में आया?
यह बयान ट्रंप के उस दावे के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाया।

Q2. एस जयशंकर का बयान क्यों महत्वपूर्ण है?
यह भारत की संप्रभु नीति और विदेश मामलों में स्वतंत्र निर्णय क्षमता को स्पष्ट करता है।

Q3. क्या अमेरिका ने इस पर कोई प्रतिक्रिया दी है?
अभी तक अमेरिकी सरकार ने इस दावे पर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया।

Q4. क्या भारत-पाक सीजफायर पर ट्रंप की कोई भूमिका थी?
एस जयशंकर के मुताबिक, अमेरिका की कोई भूमिका नहीं थी और भारत ने यह फैसला स्वतंत्र रूप से लिया।

Q5. एस जयशंकर का बयान भारत-अमेरिका रिश्तों को कैसे प्रभावित कर सकता है?
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह विवाद द्विपक्षीय विश्वास को कुछ हद तक प्रभावित कर सकता है।

Q6. एस जयशंकर का बयान आने के बाद विपक्ष ने क्या प्रतिक्रिया दी?
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने मांग की कि सरकार संसद में स्पष्ट करे कि 2019 में भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर अमेरिकी दबाव का कोई पहलू था या नहीं। हालांकि सरकार ने ट्रंप के दावे को “आधारहीन” बताते हुए खारिज कर दिया।

Q7. एस जयशंकर का बयान भारत की कूटनीतिक छवि के लिए कितना अहम है?
यह बयान भारत की “स्वतंत्र विदेश नीति” की पुष्टि करता है। इससे यह संदेश गया कि भारत किसी दबाव में नहीं झुकता और निर्णय पूरी तरह अपनी सुरक्षा प्राथमिकताओं पर लेता है।

Q8. एस जयशंकर का बयान अमेरिकी राजनीति में क्यों चर्चा में आया?
ट्रंप के दावे अमेरिकी चुनावी माहौल में सुर्खियां बने हुए थे। एस जयशंकर का सख्त खंडन ट्रंप की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करता है, जिससे अमेरिकी मीडिया और राजनैतिक हलकों में बहस तेज हो गई।

Q9. क्या एस जयशंकर का बयान पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को भी प्रभावित कर सकता है?
हाँ, पाकिस्तान की ओर से भी इस पर प्रतिक्रियाएं आ सकती हैं। पाकिस्तान अक्सर तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की वकालत करता रहा है, जबकि भारत हमेशा इसे अस्वीकार करता है।

Q10. एस जयशंकर का बयान क्या भविष्य में भारत-अमेरिका संबंधों में कड़वाहट ला सकता है?
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह विवाद सीमित अवधि तक ही असर डालेगा। दोनों देशों के रिश्ते रणनीतिक साझेदारी पर आधारित हैं और लंबे समय में यह मुद्दा ज्यादा असरकारी नहीं रहेगा।

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