कनाडा खालिस्तानी आतंकी: सीएसआईएस की रिपोर्ट ने खोली पोल

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कनाडा खालिस्तानी आतंकी

कनाडा खालिस्तानी आतंकी गतिविधियों को लेकर भारत की चिंता अब पूरी तरह सही साबित हो चुकी है। कनाडा की खुफिया एजेंसी CSIS (Canadian Security Intelligence Service) ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में साफ-साफ माना है कि खालिस्तानी आतंकी तत्व कनाडा की धरती का इस्तेमाल भारत के खिलाफ हिंसा फैलाने, फंडिंग करने और षड्यंत्र रचने के लिए कर रहे हैं।

भारत लंबे समय से यह आरोप लगाता आ रहा है कि कनाडा खालिस्तानी आतंकी गतिविधियों को न सिर्फ नजरअंदाज कर रहा है, बल्कि कुछ हद तक उन्हें पनाह भी दे रहा है। अब जब CSIS की आधिकारिक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हो गई है, तो यह भारत के लिए कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ये आतंकी गतिविधियाँ मुख्य रूप से भारत को निशाना बनाने के उद्देश्य से संचालित की जा रही हैं।

कनाडा सरकार पर यह सवाल हमेशा से उठता रहा है कि वह कनाडा खालिस्तानी आतंकी गुटों को क्यों बर्दाश्त करता है। खासकर तब जब ये गुट भारत विरोधी नारे लगाते हैं, भारतीय नेताओं के खिलाफ भड़काऊ भाषण देते हैं, और यहां तक कि भारत के राजनयिकों को धमकियाँ भी देते हैं।


कनाडा खालिस्तानी आतंकी: रिपोर्ट में क्या कहा गया?

CSIS की 2025 की रिपोर्ट में कहा गया है कि कनाडा खालिस्तानी आतंकी तत्व “राजनीतिक रूप से प्रेरित उग्रवाद” (Politically Motivated Violent Extremism – PMVE) में संलग्न हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि खालिस्तानी आंदोलन से जुड़े चरमपंथियों की जड़ें 1980 के दशक से हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इनकी गतिविधियाँ फिर से तेज़ हो गई हैं।

इस रिपोर्ट ने न केवल भारत की चिंताओं को जायज़ ठहराया है, बल्कि कनाडा की अपनी आंतरिक सुरक्षा को भी खतरे में डाला है। ये तत्व सोशल मीडिया, स्थानीय गुरुद्वारों और विदेशी फंडिंग के जरिए युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेल रहे हैं।


कनाडा खालिस्तानी आतंकी और भारत-कनाडा संबंधों पर असर

भारत और कनाडा के रिश्तों में पहले से ही तनाव था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के नए प्रधानमंत्री कैरनी के बीच हाल में कुछ बातचीत हुई थी, जिससे रिश्तों को पटरी पर लाने की उम्मीद जताई गई थी। लेकिन अब कनाडा खालिस्तानी आतंकी गतिविधियों की आधिकारिक पुष्टि के बाद यह संभावना और कमजोर होती दिख रही है।

भारत पहले ही कनाडा से अनुरोध कर चुका है कि वह ऐसे संगठनों और व्यक्तियों पर नकेल कसे जो भारत विरोधी प्रोपेगैंडा फैला रहे हैं। लेकिन कनाडा ने “फ्री स्पीच” और “लोकतंत्र” का हवाला देकर अब तक कठोर कार्रवाई से परहेज़ किया है।


कनाडा खालिस्तानी आतंकी गतिविधियों के संभावित परिणाम

  1. भारत-कनाडा कूटनीतिक संबंधों में और गिरावट आ सकती है।
  2. कनाडा को Five Eyes देशों के दबाव का सामना करना पड़ सकता है।
  3. खालिस्तानी समर्थकों पर वित्तीय प्रतिबंध लग सकते हैं।
  4. CSIS रिपोर्ट के बाद कनाडा की विपक्षी पार्टियाँ भी सरकार पर दबाव बना रही हैं।

CSIS की रिपोर्ट ने न केवल भारत की बात को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर बना दिया है, बल्कि यह भी सिद्ध कर दिया है कि कनाडा की धरती से भारत की अखंडता को सीधा खतरा है।


कनाडा खालिस्तानी आतंकी नेटवर्क: क्यों है यह खतरनाक?

  • ये समूह भारत के पंजाब राज्य को भारत से अलग करने की मांग करते हैं।
  • कई बार कनाडा स्थित चरमपंथियों द्वारा भारत के राजनयिकों की हत्या की धमकी दी गई है।
  • सोशल मीडिया के माध्यम से भड़काऊ सामग्री प्रसारित की जाती है।
  • कनाडा की धरती का उपयोग कर यह गुट भारत में आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाते हैं।

कनाडा में बैठे ये तत्व न सिर्फ भारत विरोधी मानसिकता को बढ़ावा दे रहे हैं, बल्कि कनाडा की सामाजिक एकता के लिए भी खतरा बनते जा रहे हैं।


निष्कर्ष: क्या कनाडा लेगा अब सख्त कदम?

अब जबकि कनाडा खालिस्तानी आतंकी गतिविधियों की पुष्टि उसकी अपनी खुफिया एजेंसी द्वारा की जा चुकी है, तो यह देखने वाली बात होगी कि क्या प्रधानमंत्री कैरनी की सरकार कोई ठोस कार्रवाई करती है या नहीं।

भारत ने पहले ही यह साफ कर दिया है कि वह अपने राजनयिकों और नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा। अगर कनाडा सरकार इन तत्वों पर रोक नहीं लगाती, तो आने वाले दिनों में दोनों देशों के संबंध और खराब हो सकते हैं।


📌 FAQs

प्र.1: क्या कनाडा ने खालिस्तानी गतिविधियों की पुष्टि की है?
हां, CSIS की रिपोर्ट में यह स्पष्ट कहा गया है कि खालिस्तानी उग्रवादी कनाडा में सक्रिय हैं।

प्र.2: क्या इससे भारत-कनाडा संबंध प्रभावित होंगे?
जी हां, यह रिपोर्ट भारत की चिंताओं को पुष्ट करती है और द्विपक्षीय संबंधों पर असर डाल सकती है।

प्र.3: क्या कोई कानूनी कार्रवाई होगी?
अभी तक कोई कानूनी कार्रवाई सामने नहीं आई है, लेकिन विपक्ष और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दबाव बढ़ रहा है।

प्र.4: खालिस्तानी गतिविधियों से भारत को क्या खतरा है?
यह भारत की अखंडता, राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति को सीधा प्रभावित कर सकती हैं।

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