भारतीय छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच अहम फैसला लिया है। ईरान में फंसे 110 भारतीय छात्रों को सुरक्षित आर्मीनिया भेजा गया है और वे कल दिल्ली के लिए रवाना होंगे। यह राहत कार्य इज़राइल द्वारा शुरू किए गए ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के बाद तेजी से किया गया।
भारतीय छात्रों की सुरक्षा को लेकर भारत की फुर्तीली कार्रवाई
भारत सरकार ने ईरान में मौजूद सभी भारतीयों से आग्रह किया है कि वे शीघ्र तेहरान छोड़ दें और भारतीय दूतावास से संपर्क साधें। इसके लिए दूतावास ने इमरजेंसी संपर्क नंबर जारी किए हैं:
📞 +989010144557
📞 +989128109115
📞 +989128109109
दूतावास ने यह भी स्पष्ट किया है कि हालात पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षा प्राथमिकता में है।
भारतीय छात्रों की सुरक्षा और ईरान-इज़राइल संघर्ष
ईरान द्वारा इज़राइल पर मिसाइल और ड्रोन हमलों के बाद इज़राइल ने ईरान के खिलाफ ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ की शुरुआत की। इन हमलों में अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है और दोनों देशों में तनाव चरम पर है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तेहरान में एक ड्रोन निर्माण फैक्ट्री को निशाना बनाया गया, जिसे इज़राइली खुफिया एजेंसी द्वारा संचालित बताया जा रहा है। दो संदिग्ध एजेंटों की गिरफ्तारी भी हुई है।
भारतीय छात्रों की सुरक्षा हेतु किए गए अतिरिक्त उपाय
तेहरान के अलावा इज़राइल में भी भारतीय दूतावास ने विशेष हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं
📞 +972 54-7520711
📞 +972 54-3278392
📧 cons1.telaviv@mea.gov.in
सरकार ने नागरिकों से सतर्क रहने, गैर-जरूरी यात्रा से बचने और ज़रूरत पड़ने पर तुरंत दूतावास से संपर्क करने की सलाह दी है।
तेहरान में टीवी चैनल पर मिसाइल हमला
सोमवार को एक टीवी चैनल के लाइव प्रसारण के दौरान मिसाइल हमले की खबर आई, जिससे स्टूडियो में हलचल मच गई। हालांकि, कुछ समय बाद एंकर ने फिर से प्रसारण शुरू किया। इस घटना को सोशल मीडिया पर बहादुरी के रूप में देखा जा रहा है।
अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका ने क्षेत्र में सैन्य तैनाती बढ़ा दी है और अतिरिक्त संसाधन भेजे हैं। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेताया है कि वह अभी भी समझौते का रास्ता चुन सकता है।
वैश्विक प्रतिक्रिया और भारत की रणनीतिक प्राथमिकता
चीन, ब्रिटेन और तुर्की जैसे देशों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। अमेरिका-ईरान परमाणु वार्ता भी फिलहाल टाल दी गई है। ऐसे समय में भारत का लक्ष्य है कि वह अपने सभी नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए।
यदि स्थिति और बिगड़ती है, तो भारत सरकार अतिरिक्त निकासी अभियानों की योजना भी बना रही है। विदेश मंत्रालय स्थिति पर हर समय नजर बनाए हुए है और भारतीय छात्रों की सुरक्षा को सर्वोपरि मान रही है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या ईरान से निकाले गए सभी छात्र सुरक्षित हैं?
हाँ, भारत सरकार द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई के चलते 110 भारतीय छात्रों को सुरक्षित रूप से आर्मीनिया ले जाया गया है। यह कदम भारतीय छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की रणनीति का हिस्सा है।
प्रश्न 2: क्या सरकार आगे भी छात्रों की निकासी जारी रखेगी?
यदि स्थिति बिगड़ती है, तो भारत सरकार अन्य छात्रों को भी सुरक्षित निकालने के लिए अतिरिक्त मिशन चला सकती है। विदेश मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि भारतीय छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
प्रश्न 3: क्या अन्य देशों ने भी अपने नागरिकों को ईरान से निकाला है?
हाँ, कई देशों ने अपने नागरिकों को ईरान से निकालने की कार्रवाई की है। भारत सरकार ने विशेष रूप से भारतीय छात्रों की सुरक्षा के लिए तेज़ और संगठित प्रयास किए हैं, जिसे वैश्विक स्तर पर सराहना मिली है।