भारतीय रेलवे मल्टीट्रैकिंग परियोजना 2025: झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में रेल नेटवर्क का विस्तार

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भारतीय रेलवे ने झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के सात जिलों में दो महत्वपूर्ण मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं पर कुल अनुमानित लागत 6,405 करोड़ रुपये है और इसके तहत लगभग 318 किलोमीटर रेलवे लाइन का विस्तार किया जाएगा।

यह पहल प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के अंतर्गत लाई गई है, जिसका उद्देश्य रेलवे नेटवर्क को तेज़, अधिक कुशल और बेहतर तरीके से जोड़ा गया बनाना है। यह कदम रेलवे नेटवर्क विस्तार और आर्थिक प्रगति को नई दिशा देगा।

परियोजना 1: कोडरमा – बरकाकाना डबलिंग (झारखंड)

  • कुल लंबाई: 133 किलोमीटर
  • यह रेलखंड झारखंड के प्रमुख कोयला क्षेत्र से होकर गुजरता है और पटना से रांची तक का सबसे छोटा और तेज़ मार्ग बनाता है
  • इस परियोजना से माल और यात्री दोनों तरह के ट्रैफिक को फायदा होगा

परियोजना 2: बल्लारी – चिक्जाजूर डबलिंग (कर्नाटक और आंध्र प्रदेश)

  • कुल लंबाई: 185 किलोमीटर
  • यह लाइन कर्नाटक के बल्लारी और चित्रदुर्ग जिलों तथा आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले को जोड़ती है
  • यह क्षेत्र लौह अयस्क, स्टील, सीमेंट और कृषि उत्पादों जैसे महत्वपूर्ण वस्तुओं के परिवहन के लिए अहम है

रेलवे में रोजगार के नए अवसर

इन परियोजनाओं के निर्माण कार्य के दौरान करीब 108 लाख मानव-दिन का रोजगार उत्पन्न होगा। यह उन युवाओं के लिए बड़ा अवसर है जो रेलवे या इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में काम करना चाहते हैं।

इसके साथ-साथ स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे क्षेत्र के लोग अधिक आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

रेलवे से CO2 उत्सर्जन में कटौती

इन मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं से रेलवे की मालवाहक क्षमता में बड़ा इजाफा होगा, जिससे:

  • सालाना 52 करोड़ लीटर तेल आयात की बचत
  • लगभग 264 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन में कमी
  • यह कटौती लगभग 11 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर मानी जाती है

यह रेलवे को पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा-कुशल परिवहन साधन के रूप में और मज़बूत बनाएगा।

गति शक्ति योजना के तहत एकीकृत विकास

ये दोनों परियोजनाएं प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना का हिस्सा हैं, जो मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करती हैं। इनसे:

  • माल और यात्री परिवहन दोनों में तेज़ी आएगी
  • लॉजिस्टिक लागत घटेगी
  • उद्योगों और किसानों को बेहतर बाजार पहुंच मिलेगी
  • रेलवे संचालन अधिक विश्वसनीय और समयबद्ध हो सकेगा

निष्कर्ष

भारतीय रेलवे मल्टीट्रैकिंग परियोजना 2025 केवल रेलवे नेटवर्क विस्तार भर नहीं है, बल्कि यह झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाने वाली योजना है। यह परियोजनाएं रोजगार, सतत विकास, पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।

newsheadline.co.in

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