पंजाब और हरियाणा में जून के मध्य में चल रही भीषण गर्मी की लहर ने राज्य की बिजली खपत को ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। 11 जून को, जब कबीर जयंती की सरकारी छुट्टी थी, पंजाब में बिजली की मांग 16,836 मेगावाट तक पहुंच गई। यह लगातार दूसरे दिन है जब राज्य ने बिजली की रिकॉर्ड खपत दर्ज की है।
गर्मी और धान की बुआई ने बढ़ाई बिजली की खपत
राज्य में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, और धान की रोपाई का सीजन भी चरम पर है। इस कारण ट्यूबवेल पंप दिनभर चल रहे हैं, जिससे बिजली की मांग तेजी से बढ़ी है। हर दिन लाखों ट्यूबवेल 6 से 8 घंटे तक चल रहे हैं ताकि भूजल की कमी से बचा जा सके।
PSPCL ने कैसे पूरा किया बढ़ती मांग को?
पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PSPCL) ने जानकारी दी कि मंगलवार को वह 10,243 मेगावाट बिजली नॉर्थर्न ग्रिड से खींच रहा था, जबकि राज्य की खुद की उत्पादन क्षमता 6,600 मेगावाट रही। सभी थर्मल यूनिट्स और हाइडल प्लांट्स को फुल कैपेसिटी पर चलाया गया।
स्रोत | उत्पादन (मेगावाट) |
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राज्य का थर्मल उत्पादन | 2,020 MW |
निजी थर्मल उत्पादन | 3,192 MW |
हाइडल प्लांट्स | 950 MW |
सोलर उत्पादन | 395 MW |
गर्मी का कहर: तापमान और बिजली दोनों उफान पर
बठिंडा में 47.6°C तापमान दर्ज किया गया, जो राज्य में अब तक का सबसे अधिक है। वहीं, चंडीगढ़, अमृतसर और होशियारपुर जैसे क्षेत्रों में तापमान 44-46°C के बीच रहा।

IMD की चेतावनी: 14 जून तक रहेगा हीटवेव का असर
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि 11 जून से 14 जून तक पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में भीषण गर्मी और लू चलती रहेगी। खासतौर पर दक्षिण और पश्चिमी हिस्सों में तापमान 46-48°C के बीच रहने की संभावना है।
भविष्य में और बढ़ सकती है मांग
अगर यही गर्म मौसम बना रहा, तो आने वाले दिनों में बिजली की मांग 17,000 मेगावाट को भी पार कर सकती है। PSPCL ने बताया कि वह स्थानीय उत्पादन को ऑप्टिमाइज़ करने और बाज़ार से अतिरिक्त बिजली खरीदने की योजना पर काम कर रहा है।
कोयला और जल स्रोतों की स्थिति
राज्य और निजी थर्मल प्लांट्स के पास कोयले का पर्याप्त भंडार है:
- रूपनगर: 34 दिन का स्टॉक
- लहरा मोहब्बत: 21 दिन
- गोइंदवाल: 28 दिन
- राजपुरा (निजी): 31 दिन
- तलवंडी साबो (निजी): 23 दिन
वहीं, भाखड़ा डैम का जल स्तर 1,555.4 फीट पर है, जो पिछले साल की तुलना में 28 फीट कम है। रंजीत सागर डैम का जलस्तर भी मामूली गिरावट में है।
निष्कर्ष
पंजाब इस समय भीषण गर्मी और पानी की कमी से जूझ रहा है, जिससे बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। आने वाले दिनों में तापमान में और वृद्धि होने की संभावना है, इसलिए ऊर्जा प्रबंधन, पानी संरक्षण और बिजली बचत के उपायों को गंभीरता से अपनाना बेहद जरूरी है।
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