महाराष्ट्र में शराब हुई महंगी

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एक्साइज ड्यूटी में 50% से ज़्यादा बढ़ोतरी, रिटेल दाम 14% से 60% तक बढ़ेंगे | बीयर और वाइन को राहत

मुंबई | 12 जून 2024

महाराष्ट्र सरकार ने भारतीय निर्मित विदेशी शराब (IMFL) पर एक्साइज ड्यूटी में 50% से अधिक बढ़ोतरी कर दी है, जिससे रिटेल कीमतों में 60% तक का इजाफा होगा। इसके अलावा, देशी शराब और प्रीमियम इंपोर्टेड ब्रांड्स पर भी शुल्क बढ़ाया गया है। हालांकि बीयर और वाइन को इस बढ़ोतरी से छूट दी गई है।


सरकार को मिलेगा ₹57,000 करोड़ का राजस्व

इस कदम से सरकार को करीब ₹14,000 करोड़ अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है। वर्ष 2024-25 में ₹43,620 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था, जो अब बढ़कर ₹57,000 करोड़ तक पहुंच सकता है। यह कुल अनुमानित राजस्व ₹5.60 लाख करोड़ का लगभग 10% हिस्सा होगा।


एक्साइज ड्यूटी क्यों बढ़ाई गई?

जनवरी 2024 में सरकार ने अतिरिक्त राजस्व के स्रोत तलाशने के लिए एक समिति का गठन किया था, जिसकी अध्यक्षता तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव वल्सा नायर ने की थी। अप्रैल में रिपोर्ट सौंपी गई और अब कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी।

अब IMFL पर एक्साइज ड्यूटी निर्माण लागत की तीन गुना के बजाय चार गुना से अधिक होगी, जिससे कीमतों में भारी वृद्धि होगी।


कितनी बढ़ीं शराब की कीमतें?

  • IMFL (180 ml): ₹120-150 → अब ₹205 से शुरू
  • प्रीमियम ब्रांड्स (180 ml): ₹210-330 → अब ₹360 से शुरू
  • देशी शराब (180 ml): ₹70 → अब ₹80
  • MML (Maharashtra Made Liquor): नई कैटेगरी, 180 ml की कीमत ₹148

बीयर और वाइन को राहत क्यों?

  • बीयर: महाराष्ट्र में बीयर की खुदरा कीमत पहले से ही देश में सबसे अधिक है, इसलिए और बढ़ोतरी नहीं की गई।
  • वाइन: राज्य की नीति वाइन उद्योग को बढ़ावा देने की है क्योंकि अधिकांश वाइनरी और अंगूर उत्पादक महाराष्ट्र में स्थित हैं।

महाराष्ट्र मेड लिकर (MML) – नया विकल्प

सरकार ने नई श्रेणी ‘महाराष्ट्र मेड लिकर’ (MML) को बढ़ावा दिया है, जिसे मूल्यवृद्धि से छूट दी गई है। यह श्रेणी अनाज से बनी शराब पर केंद्रित होगी और IMFL का सस्ता विकल्प बनेगी।

राज्य की 70 में से 22 यूनिट पूरी तरह बंद हैं और 16 केवल लाइसेंस रिन्यू कर रही हैं। इस कदम का उद्देश्य इन इकाइयों को फिर से सक्रिय करना है।

कुछ अधिकारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि कई अनाज आधारित इकाइयाँ नेताओं के स्वामित्व में हैं, और यह निर्णय उन्हें लाभ पहुंचा सकता है।


पड़ोसी राज्यों से अब भी सस्ती

IMFL पर यह बढ़ोतरी 14 साल बाद की गई है। अधिकारियों का दावा है कि अब भी महाराष्ट्र की एक्साइज दरें मध्य प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों से कम हैं।


बार मालिकों को नई सुविधा

सरकार ने बार मालिकों को परमिट रूम लाइसेंस किराए पर देने की अनुमति दी है, बशर्ते वे कुल लाइसेंस शुल्क का 10% भुगतान करें।


निष्कर्ष

महाराष्ट्र में शराब की कीमतों में भारी बढ़ोतरी आम उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा झटका है, लेकिन सरकार के लिए यह जरूरी राजस्व जुटाने की योजना का हिस्सा है। बीयर और वाइन पर कोई बढ़ोतरी न होने से इन उत्पादों के उपभोक्ताओं को राहत मिली है। आने वाले समय में इसका सीधा असर बाजार और उपभोक्ता आदतों पर देखा जा सकता है।

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