अहमदाबाद, [13 जून 2025]: गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद 260 से अधिक लोगों की जान चली गई, लेकिन इस भयानक त्रासदी में एक चमत्कारिक घटना भी हुई। 40 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक विश्वासकुमार रमेश एयर इंडिया AI171 survivor के रूप में सामने आए हैं, जो इस विनाशकारी दुर्घटना में अकेले जीवित बचे हैं। उनकी कहानी किसी चमत्कार से कम नहीं है, जिसने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है।
सुबह 1:39 बजे सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद, एयर इंडिया बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (फ्लाइट AI171) अहमदाबाद के मेघानीनगर इलाके में बीजे मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के आवासीय क्वार्टर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में सवार 242 लोगों (230 यात्री और 12 चालक दल) में से केवल विश्वासकुमार रमेश एयर इंडिया AI171 survivor ही जीवित बचे। इस त्रासदी में पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल थे।
विश्वासकुमार रमेश: चमत्कारिक बचाव की आपबीती
अस्पताल के बिस्तर से अपनी आपबीती सुनाते हुए, विश्वासकुमार रमेश एयर इंडिया AI171 survivor ने बताया कि कैसे उन्होंने मौत को करीब से देखा और उससे बच निकले। उन्होंने डीडी न्यूज़ को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा, “मुझे नहीं पता कि मैं कैसे बचा।” रमेश ने बताया कि उड़ान भरने के लगभग तीस सेकंड बाद, एक जोरदार आवाज आई और फिर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। “यह सब इतनी जल्दी हुआ कि मैं समझ ही नहीं पाया कि हम कहाँ गिरे।” उन्होंने महसूस किया कि विमान ऊंचाई नहीं ले रहा था और गिरने से पहले “बस ग्लाइड कर रहा था”।
रमेश, जो सीट 11A पर खिड़की के पास बैठे थे, ने बताया कि दुर्घटना के बाद उन्होंने विमान के fuselage में एक गैप देखा। उन्होंने कहा, “मैंने अपने पैर का उपयोग उस खुले हिस्से से धक्का देने के लिए किया, अपनी सीट बेल्ट खोली और किसी तरह बाहर निकल गया।” वह याद करते हैं कि उनके चारों ओर हर कोई “या तो मर चुका था या मर रहा था।” दुर्घटनास्थल से सामने आए वीडियो क्लिप में भी रमेश को खून से लथपथ, लंगड़ाते हुए, “प्लेन फट्यो छे!” (विमान फट गया!) चिल्लाते हुए देखा गया है। यह वाकई में एक हैरान कर देने वाला दृश्य था कि विश्वासकुमार रमेश एयर इंडिया AI171 survivor हैं।
इकलौते जीवित बचे व्यक्ति की वर्तमान स्थिति
अहमदाबाद सिविल अस्पताल में उनका इलाज कर रहे डॉ. धवल गमेती ने बताया कि रमेश को “पूरे शरीर पर कई चोटें लगी थीं,” जिसमें उनके सीने, आंखों और पैरों पर चोटें शामिल थीं। हालांकि, उनकी हालत “खतरे से बाहर” बताई जा रही है और वह “बहुत गंभीर नहीं” हैं। उन्हें अब भी आघात वार्ड में निगरानी में रखा गया है। यह सुकून की बात है कि विश्वासकुमार रमेश एयर इंडिया AI171 survivor अब ठीक हो रहे हैं।
दुर्भाग्य से, विश्वासकुमार रमेश एयर इंडिया AI171 survivor तो हैं, लेकिन उनके साथ यात्रा कर रहे उनके भाई अजय कुमार रमेश (45), जो एक अलग पंक्ति में बैठे थे, इस दुर्घटना में जीवित नहीं बचे। अस्पताल में लगातार उनका सवाल है, “मेरा भाई कहां है?” यह सवाल उनके दर्द और सदमे को दर्शाता है। यह दुखद सच्चाई है कि वे अकेले विश्वासकुमार रमेश एयर इंडिया AI171 survivor हैं, जबकि उनका भाई अब इस दुनिया में नहीं है।
दुर्घटना और जांच पर आधिकारिक प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और सिविल अस्पताल में विश्वासकुमार रमेश एयर इंडिया AI171 survivor से भी मुलाकात की। उन्होंने घायलों और पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से भी बात की। टाटा समूह, जिसके स्वामित्व में एयर इंडिया है, ने त्रासदी में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को ₹1 करोड़ का मुआवजा देने की घोषणा की है और घायलों के चिकित्सा खर्च का वहन करेगी।
यह दुर्घटना भारत की पहली बोइंग 787 ड्रीमलाइनर दुर्घटना है और 1996 के चरखी दादरी मध्य-हवाई टक्कर के बाद से सबसे खराब नागरिक उड्डयन त्रासदी है। ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) बरामद कर लिया गया है, और अंतर्राष्ट्रीय जांच चल रही है। विश्वासकुमार रमेश एयर इंडिया AI171 survivor होने के नाते, उनका बयान जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उनकी कहानी आशा और मानव लचीलेपन का प्रतीक बनी रहेगी, कि कैसे एक व्यक्ति इतने बड़े हादसे में भी बच सकता है। उनकी वापसी से उनके परिवार और दोस्तों को थोड़ी राहत मिली है, जबकि वे अपने प्रियजनों को खोने के गहरे सदमे में हैं। यह दुर्घटना विमानन सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े करती है, जिसकी विस्तृत जांच चल रही है।