सोहम पारेख ने तोड़ी चुप्पी, स्टार्टअप मूनलाइटिंग विवाद में दी सफाई
सोहम पारेख ने तोड़ी चुप्पी उस समय जब उन पर अमेरिका में एक साथ तीन-चार स्टार्टअप्स में काम करने और कंपनियों को धोखे में रखने के आरोप लगे। ये विवाद तब शुरू हुआ जब प्लेग्राउंड AI के को-फाउंडर सुहैल दोषी ने पब्लिक पोस्ट के ज़रिए आरोप लगाए कि सोहम पारेख ने एक ही समय में कई कंपनियों में नौकरी की, वह भी बिना जानकारी दिए।
इस बयान के बाद से सोशल मीडिया और टेक इंडस्ट्री में हलचल मच गई थी। अब आखिरकार सोहम पारेख ने अपने एक गुप्त ट्विटर अकाउंट से बयान जारी कर सफाई दी है।
सोहम पारेख ने तोड़ी चुप्पी: ‘मैंने अपनी करियर बर्बाद कर दी क्या?’
सोहम पारेख ने तोड़ी चुप्पी, जानिए क्या कहा
सोहम ने सुहैल दोषी को निजी संदेश भेजते हुए पूछा – “क्या मैंने अपना करियर बर्बाद कर लिया?” उन्होंने यह भी माना कि वह अब एक ही स्टार्टअप के साथ जुड़े हैं और उसमें बतौर “Founding Engineer” काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि:
“कोई भी इंसान 140 घंटे हफ्ते में काम नहीं करना चाहता।”
यह बात उन्होंने ऐसे समय में कही जब उन पर यह आरोप लग रहे थे कि वे चार स्टार्टअप में एकसाथ काम कर रहे थे और हर जगह फुल-टाइम कमिटमेंट का दावा कर रहे थे।
सोहम पारेख ने तोड़ी चुप्पी: मूनलाइटिंग विवाद की शुरुआत कैसे हुई?
अमेरिका स्टार्टअप मूनलाइटिंग विवाद की पृष्ठभूमि
सोहम पारेख पर आरोप है कि वे एक ही समय में अमेरिका की कई कंपनियों में काम कर रहे थे। ये कंपनियां उन्हें फुल-टाइम एम्प्लॉय मानती थीं लेकिन उन्हें पता नहीं था कि सोहम अन्य जगह भी सक्रिय हैं।
इस मामले में सबसे पहले खुलासा सुहैल दोषी ने किया था। उनके मुताबिक, सोहम ने अपने रेज़्यूमे और वर्क स्टेटस को लेकर पारदर्शिता नहीं रखी, जिससे कंपनियों को आर्थिक और संचालन से जुड़ा नुकसान हुआ।
सोहम पारेख ने तोड़ी चुप्पी: अब क्या कर रहे हैं सोहम?
नए स्टार्टअप में एकमात्र भूमिका निभा रहे हैं
सोहम ने अपने ट्विटर बयान में कहा कि अब वे सिर्फ एक स्टार्टअप के साथ जुड़े हैं और उसमें पूरी निष्ठा के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें “बिल्ड करना पसंद है” और वे अपनी गलतियों को सुधारना चाहते हैं।
हालांकि, कुछ फाउंडर्स ने अब भी उन पर भरोसा करने से इंकार किया है। उनका मानना है कि इस तरह का व्यवहार स्टार्टअप वर्क कल्चर के लिए नुकसानदायक है और इससे बाकी कर्मचारियों का भरोसा भी टूटता है।
सोहम पारेख ने तोड़ी चुप्पी: क्या कहता है कानून और एथिक्स?
- अमेरिका में मूनलाइटिंग (एक साथ दो या ज्यादा नौकरियों करना) अवैध नहीं है, जब तक कि कॉन्ट्रैक्ट इसका विरोध न करे।
- हालांकि, स्टार्टअप कल्चर में यह अस्वीकार्य माना जाता है क्योंकि इससे उत्पादकता और ट्रस्ट पर असर पड़ता है।
FAQs
Q1: सोहम पारेख ने तोड़ी चुप्पी क्यों?
उन पर एक साथ कई स्टार्टअप्स में मूनलाइटिंग का आरोप था, जिस पर उन्होंने सफाई दी कि वे अब केवल एक ही स्टार्टअप के साथ हैं।
Q2: मूनलाइटिंग विवाद में सोहम पारेख पर क्या आरोप लगे थे?
सोहम पर एक ही समय में 3–4 अमेरिकी स्टार्टअप्स में काम करने और कंपनियों को बिना जानकारी के धोखा देने का आरोप है।
Q3: क्या सोहम पारेख ने अपनी गलती मानी है?
सीधे तौर पर नहीं, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि “140 घंटे काम करना कोई पसंद नहीं करता” और अब वे सिर्फ एक कंपनी के लिए काम कर रहे हैं।
Q4: क्या मूनलाइटिंग अवैध है?
अमेरिका में यह कॉन्ट्रैक्ट आधारित होता है। अगर कॉन्ट्रैक्ट इसकी अनुमति न दे, तो यह अनुशासनात्मक कार्रवाई का कारण बन सकता है।
Q5: सोहम पारेख अब कहां काम कर रहे हैं?
सोहम ने अपने बयान में कहा है कि वे अब एक नए स्टार्टअप के फाउंडिंग इंजीनियर हैं।
Q6: मूनलाइटिंग किसे कहते हैं?
जब कोई व्यक्ति एक ही समय में दो या उससे अधिक नौकरियों में कार्यरत हो।
Q7: क्या यह मामला भारत के आईटी सेक्टर से जुड़ा हुआ है?
नहीं, यह मामला अमेरिका के स्टार्टअप्स से जुड़ा है लेकिन भारत के संदर्भ में भी मूनलाइटिंग चर्चा में है।
Q8: क्या टेक इंडस्ट्री में यह पहला मामला है?
नहीं, पहले भी मूनलाइटिंग के कई केस सामने आ चुके हैं लेकिन यह मामला चर्चा में इसलिए है क्योंकि इसमें एक ही व्यक्ति पर कई कंपनियों को धोखा देने का आरोप है।
Q9: सुहैल दोषी कौन हैं?
वे Playground AI के को-फाउंडर हैं, जिन्होंने सबसे पहले सार्वजनिक रूप से सोहम पारेख पर आरोप लगाए।
Q10: क्या यह मामला कोर्ट तक जाएगा?
फिलहाल इसकी कोई जानकारी नहीं है, लेकिन कंपनियां अपने स्तर पर कार्रवाई कर सकती हैं।