लोकसभा चुनाव में फंड की हेरा-फेरी? कांग्रेस पर ED का शिकंजा

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कर्नाटक वाल्मीकि घोटाला: कांग्रेस सांसद व तीन विधायकों पर ED की छापेमारी, सिद्धारमैया बोले- “मैं क्या करूं?”

बेंगलुरु | 11 जून 2025:
कर्नाटक में करोड़ों रुपये के वाल्मीकि घोटाले (Valmiki Scam) की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को कांग्रेस सांसद ई. तुकाराम और तीन विधायकों के ठिकानों पर छापेमारी की। ये छापे धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत बेंगलुरु और बेल्लारी में कुल 8 ठिकानों पर मारे गए।

क्या है मामला?

यह मामला कर्नाटक महार्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम (KMVSTDC) से लगभग ₹89 करोड़ की धनराशि के ग़लत तरीके से ट्रांसफर और चुनावी खर्चों में इस्तेमाल से जुड़ा है। आरोप है कि इन फंड्स का इस्तेमाल 2024 के लोकसभा चुनाव में बेल्लारी सीट पर वोटरों को नकद देने और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को फंड करने में किया गया।


किन नेताओं पर हुई छापेमारी?

  • ई. तुकाराम – कांग्रेस सांसद, बेल्लारी
  • एन.बी. रेड्डी – विधायक, बेल्लारी शहर
  • जे.एन. गणेश – विधायक, कम्पली
  • एन.टी. श्रीनिवास – विधायक, कुदलिगी

इन नेताओं के बेंगलुरु और बेल्लारी स्थित आवासों और कार्यालयों पर छापे मारे गए।


सिद्धारमैया ने क्या कहा?

इस छापेमारी पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा:

“ED ने छापा मारा है, तो मैं क्या कर सकता हूं? वे कानून के तहत जो करना चाहें करें। सरकार किसी भी अवैध कार्य का समर्थन नहीं करेगी और ना ही कानून के रास्ते में रोड़ा बनेगी।”


वाल्मीकि घोटाला क्या है?

वाल्मीकि घोटाला एक बड़ा वित्तीय घोटाला है जिसमें KMVSTDC से करीब ₹89 करोड़ की राशि फर्जी खातों और शेल कंपनियों के ज़रिए ट्रांसफर की गई।

  • इनमें से ₹21 करोड़ का इस्तेमाल 2024 के लोकसभा चुनाव खर्चों में होने की आशंका है।
  • घोटाले की शुरुआत मई 2024 में तब हुई जब निगम के अकाउंट सुपरिटेंडेंट चंद्रशेखरन पी. ने आत्महत्या कर ली और एक सुसाइड नोट में खुलासा किया कि उन पर अवैध ट्रांसफर करने का दबाव था।

अब तक की जांच और कार्रवाई:

  • CBI, ED और कर्नाटक पुलिस तीनों एजेंसियां इस मामले की जांच कर रही हैं।
  • पूर्व मंत्री बी. नागेंद्र को मास्टरमाइंड बताया गया है, जिन्हें बाद में जमानत मिल गई।
  • अब तक राज्य सरकार ने ₹76 करोड़ की रिकवरी भी कर ली है।

राजनीतिक मोड़:

2024 में BJP नेता सी.एन. रविकुमार ने इस घोटाले का खुलासा किया था और सीधे तौर पर कांग्रेस नेताओं पर फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाया। अब ED द्वारा की गई छापेमारी से यह मामला फिर सुर्खियों में आ गया है।


निष्कर्ष:

वाल्मीकि घोटाला सिर्फ एक आर्थिक अपराध नहीं बल्कि राजनीति और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। सरकार और जांच एजेंसियों की पारदर्शी कार्रवाई से ही आम जनता का भरोसा बना रह सकता है।

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