राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सामाजिक न्याय के पुरोधा श्री लालू प्रसाद यादव आज (11 जून 2025) अपना 78वां जन्मदिवस मना रहे हैं। इस खास मौके पर पार्टी नेताओं, समर्थकों और देशभर के राजनेताओं ने उन्हें बधाइयाँ दीं।
लालू यादव न सिर्फ एक राजनीतिक व्यक्तित्व हैं, बल्कि भारतीय राजनीति में सामाजिक न्याय और पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण के प्रतीक भी हैं।
लालू प्रसाद यादव: प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
- जन्म: 11 जून 1948
- जन्म स्थान: फुलवरिया, गोपालगंज जिला, बिहार
- जातीय पृष्ठभूमि: यादव समुदाय, जो सामाजिक रूप से पिछड़े वर्ग (OBC) में आता है
- शिक्षा:
- बी.ए. (राजनीति विज्ञान) — बी.एन. कॉलेज, पटना
- एलएल.बी. — पटना यूनिवर्सिटी
युवावस्था में ही छात्र राजनीति से जुड़े और जल्द ही पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष बने, जहाँ से उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत हुई।
राजनीतिक करियर की शुरुआत
लालू यादव का राजनीति में प्रवेश जेपी आंदोलन (1974) के दौरान हुआ।
- 1977 में मात्र 29 वर्ष की उम्र में लोकसभा सांसद बने — उस समय वे सबसे युवा सांसदों में से एक थे।
- उन्होंने जनता पार्टी, फिर लोकदल, और अंततः 1997 में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की स्थापना की।
मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल
- बिहार के मुख्यमंत्री: 1990 – 1997
- उनका मुख्यमंत्री काल सामाजिक न्याय की अवधारणा को ज़मीनी स्तर पर उतारने वाला माना जाता है।
- यादव, दलित, और अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों को सत्ता और सम्मान में भागीदारी दिलाई।
लालू यादव और चारा घोटाला
लालू यादव का नाम चारा घोटाले में सामने आने के बाद 1997 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।
हालाँकि, उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया, जिससे उनकी राजनीतिक सूझबूझ और पकड़ का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
परिवार और राजनीतिक उत्तराधिकार
लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के 9 बच्चे हैं, जिनमें से कई राजनीति में सक्रिय हैं:
- तेजस्वी यादव: वर्तमान में बिहार के उपमुख्यमंत्री और RJD के प्रमुख नेता
- तेजप्रताप यादव: विधायक और पूर्व मंत्री
- मीसा भारती: राज्यसभा सांसद
उनका परिवार आज भी बिहार और केंद्र की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
विचारधारा और राजनीतिक योगदान
- लालू यादव की राजनीति हमेशा सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और गरीबों के अधिकारों पर केंद्रित रही है।
- उन्होंने पिछड़े वर्गों, दलितों और अल्पसंख्यकों के लिए आवाज़ उठाई।
- रेल मंत्री (2004–2009) के रूप में भारतीय रेलवे को मुनाफे में लाने का श्रेय भी उन्हें जाता है।
विवाद और आलोचनाएँ
लालू यादव की राजनीति जहाँ एक ओर गरीबों के लिए मसीहा की तरह देखी जाती है, वहीं उन पर परिवारवाद, भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था की अनदेखी के आरोप भी लगे हैं।
निष्कर्ष
लालू प्रसाद यादव सिर्फ एक नेता नहीं, बल्कि एक आंदोलन का नाम हैं, जिन्होंने भारत की राजनीति में पिछड़े वर्गों की भूमिका को मजबूत किया।
उनका संघर्ष, शैली और प्रभाव आज भी बिहार और राष्ट्रीय राजनीति में महसूस किया जाता है।
78वें जन्मदिवस पर उन्हें कोटि-कोटि शुभकामनाएँ।
उनकी राजनीतिक यात्रा और विचारधारा देश के युवाओं और जननेताओं के लिए हमेशा प्रेरणा बनी रहेगी।
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