नई दिल्ली/इंफाल, 12 जून 2025 — मणिपुर में लगातार बढ़ रही हिंसा और अस्थिरता को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा है कि राज्य में शांति बहाली और स्थायी समाधान के लिए नागरिक समाज, विधायकों और आम जनता को मिलकर एकमत होना होगा। वे हाल ही में दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर राज्य की स्थिति से अवगत कराने पहुंचे थे।
मुलाकात में क्या हुआ?
एन. बीरेन सिंह ने मीडिया को बताया कि उन्होंने और राज्यसभा सांसद लेइशेम्बा सनाजाओबा ने अमित शाह से दो बार मुलाकात की — पहली बार सोमवार देर रात दो घंटे तक और दूसरी बार मंगलवार को 45 मिनट तक। उन्होंने कहा, “हमने मणिपुर की बिगड़ती स्थिति को लेकर विस्तार से चर्चा की और राज्य में बढ़ते तनाव की जानकारी दी।”
अमित शाह ने, बीरेन के अनुसार, यह स्वीकार किया कि राज्य में एक ‘जनता द्वारा चुनी गई सरकार’ की आवश्यकता है, और केंद्र सरकार भी इस पर विचार कर रही है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि स्थिति की समीक्षा के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।
राष्ट्रपति शासन के बाद अब क्या?
गौरतलब है कि 13 फरवरी 2025 से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है। हाल ही में राज्य के 23 भाजपा विधायकों (कुकी समुदाय के 7 विधायक छोड़कर) ने एक बयान जारी कर कहा था कि वे “व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं छोड़कर” राज्य में लोकतांत्रिक सरकार बनाने के लिए एकजुट हैं — इनमें बीरेन समर्थक और विरोधी दोनों शामिल हैं।
इस राजनीतिक हलचल के बीच सीबीआई द्वारा चरमपंथी संगठन ‘अराम्बई टेंगगोल’ के एक स्वयंभू नेता के खिलाफ कार्रवाई के बाद राज्य में हिंसा की एक नई लहर देखने को मिली।
क्या बोले बीरेन सिंह?
बीरेन सिंह ने कहा, “गृह मंत्री ने हमें कुछ जरूरी कार्य दिए हैं जिनका खुलासा अभी नहीं किया जा सकता। लेकिन जब तक सभी पक्ष — नागरिक समाज, विधायक और आम लोग — मिलकर कोई साझा रुख नहीं अपनाते, तब तक हिंसा पर स्थायी नियंत्रण संभव नहीं है।”
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार राज्य की “भौगोलिक अखंडता” बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। जबकि कुकी समुदाय लंबे समय से एक स्वायत्त क्षेत्र की मांग कर रहा है, जो वर्तमान राजनीतिक संकट का मुख्य कारण भी बना हुआ है।
अवैध प्रवासियों पर भी चर्चा
बीरेन सिंह ने जानकारी दी कि “अवैध प्रवासियों की पहचान” का मुद्दा भी बातचीत में सामने आया, और उन्होंने इसके लिए 30 दिन की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध भी किया।
मुख्य बिंदु संक्षेप में:
- अमित शाह से बीरेन सिंह की दो बार मुलाकात
- मणिपुर में लोकतांत्रिक सरकार की आवश्यकता पर सहमति
- हिंसा के समाधान के लिए सभी वर्गों की एकजुटता ज़रूरी
- अराम्बई टेंगगोल पर कार्रवाई के बाद बढ़ी हिंसा
- केंद्र मणिपुर की भौगोलिक एकता बनाए रखने को प्रतिबद्ध
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