बिक्रम मजीठिया पेशी 2025 ने पंजाब की राजनीति में जबरदस्त हलचल पैदा कर दी है। मोहाली की अदालत में पेशी के दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया जब अकाली दल नेता सुखबीर सिंह बादल समेत कई वरिष्ठ नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। यह कार्रवाई ड्रग मनी केस और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में की गई। मजीठिया पर 540 करोड़ रुपये के ड्रग तस्करी और काले धन को सफेद करने के गंभीर आरोप हैं। पेशी के दौरान उनके समर्थकों ने अदालत परिसर में जोरदार नारेबाजी की, जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका बन गई।
बिक्रम मजीठिया पेशी 2025 में क्यों मचा बवाल?
बिक्रम मजीठिया पेशी 2025 की सुनवाई को लेकर अकाली दल ने पहले ही मोर्चा खोल रखा था। पार्टी के बड़े नेता और कार्यकर्ता मजीठिया के समर्थन में अदालत पहुंचे। इसी दौरान पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनज़र भीड़ को हटाने की कोशिश की। इस पर तीखी बहस और नारेबाजी शुरू हो गई। पुलिस ने माहौल नियंत्रित करने के लिए सुखबीर बादल समेत कई नेताओं को हिरासत में लिया।
मोहाली कोर्ट में मजीठिया को पेश किया गया, जहां SIT ने उनके खिलाफ ड्रग मनी केस में 7 दिन की पुलिस रिमांड मांगी। अदालत ने रिमांड की अनुमति दे दी।
ड्रग मनी केस और बिक्रम मजीठिया पेशी 2025 का असली मुद्दा
बिक्रम मजीठिया पेशी 2025 से जुड़े मामले की शुरुआत कुछ साल पहले पंजाब में ड्रग तस्करी की जांच से हुई थी। जांच में मजीठिया का नाम सामने आने पर विजिलेंस ब्यूरो ने उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और ड्रग मनी से संपत्ति खरीदने का मामला दर्ज किया।
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो का दावा है कि मजीठिया ने ड्रग तस्करों से 540 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम ली और उसे निवेश किया। अकाली दल का कहना है कि यह मामला राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। सुखबीर बादल ने कहा कि सरकार विरोधियों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है।
सुखबीर बादल की गिरफ्तारी और अकाली दल का रुख
बिक्रम मजीठिया पेशी 2025 के दौरान सुखबीर बादल को हिरासत में लेना अकाली दल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। बादल ने आरोप लगाया कि AAP सरकार जानबूझकर बदले की कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता शांतिपूर्ण विरोध कर रहे थे, लेकिन सरकार ने दमनकारी रवैया अपनाया।
इस घटनाक्रम के बाद अकाली दल ने पूरे पंजाब में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। पार्टी ने कहा कि अगर नेताओं को तुरंत रिहा नहीं किया गया तो राज्यव्यापी आंदोलन होगा।
आगे की चुनौती और संभावित सियासी असर
विशेषज्ञों का मानना है कि बिक्रम मजीठिया पेशी 2025 से पंजाब की सियासत में नया मोड़ आ गया है। एक तरफ AAP इसे ड्रग माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई बता रही है, वहीं अकाली दल इसे सत्ता का दुरुपयोग बता रहा है।
अगर SIT की जांच में और सबूत सामने आते हैं तो मजीठिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। विधानसभा चुनाव से पहले यह मामला कई दलों के लिए बड़ा चुनावी मुद्दा बन सकता है।
FAQs:
Q1. बिक्रम मजीठिया पेशी 2025 में क्या हुआ?
बिक्रम मजीठिया पेशी 2025 के दौरान मोहाली अदालत में भारी भीड़ जुटी, जिसके बाद पुलिस ने सुखबीर बादल समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया।
Q2. बिक्रम मजीठिया पर कौन-कौन से आरोप हैं?
मजीठिया पर 540 करोड़ रुपये की ड्रग मनी को सफेद करने और आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप हैं।
Q3. क्या सुखबीर बादल को गिरफ्तार किया गया है?
उन्हें अदालत परिसर में हिरासत में लिया गया है, लेकिन उनकी गिरफ्तारी औपचारिक रूप से दर्ज नहीं की गई।
Q4. बिक्रम मजीठिया पेशी 2025 के दौरान AAP सरकार का क्या कहना है?
AAP सरकार का कहना है कि यह कार्रवाई कानून के मुताबिक है और ड्रग तस्करी के खिलाफ सख्त कदम है।
Q5. अकाली दल का इस पर क्या रुख है?
अकाली दल ने इसे राजनीतिक साजिश बताया है और पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है।