Indian Export Tariff Hike: क्या 26% शुल्क से डगमगाएगा भारत का व्यापार?

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Indian Export Tariff Hike

Indian Export Tariff Hike को लेकर भारत और अमेरिका के बीच तनातनी अब चरम पर पहुंच गई है। अमेरिकी प्रशासन ने स्पष्ट संकेत दिया है कि अगर दोनों देशों के बीच 9 जुलाई तक कोई व्यापार समझौता नहीं हुआ, तो भारतीय निर्यात पर 26% तक का अतिरिक्त शुल्क लागू कर दिया जाएगा। यह फैसला भारतीय निर्यातकों के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है, खासकर ऐसे समय में जब भारत वैश्विक बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के प्रयास कर रहा है।

भारत की एक उच्च स्तरीय टीम अंतिम दौर की वार्ता के लिए अमेरिका पहुंच चुकी है, ताकि Indian Export Tariff Hike को रोका जा सके। जानकार मानते हैं कि अगर यह शुल्क लागू हुआ, तो भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार में बड़ी गिरावट आ सकती है।

Indian Export Tariff Hike क्यों बना चिंता का विषय?

Indian Export Tariff Hike का मुद्दा तब उठा, जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘लिबरेशन डे’ के नाम पर उच्च शुल्क की घोषणा की थी। इस फैसले से भारत समेत कई देशों को अस्थाई राहत मिली और 90 दिनों के लिए शुल्क पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन अब यह अवधि समाप्त होने वाली है।

यदि इस डेडलाइन तक कोई समाधान नहीं निकला, तो भारतीय वस्त्र, स्टील, ऑटो पार्ट्स और कृषि उत्पादों पर 26% आयात शुल्क लगना तय माना जा रहा है। इससे न केवल निर्यात प्रभावित होगा, बल्कि करोड़ों डॉलर के व्यापार पर भी संकट आ सकता है।

किन उत्पादों पर ज्यादा असर पड़ेगा?

Indian Export Tariff Hike लागू होने से खासकर इन क्षेत्रों को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है:

  • कपड़ा और रेडीमेड गारमेंट
  • ऑटोमोबाइल और ऑटो पार्ट्स
  • स्टील और एल्यूमिनियम उत्पाद
  • मसाले, काजू और अन्य कृषि उत्पाद
  • लेदर और फुटवियर इंडस्ट्री

विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर अमेरिका भारत पर उच्च शुल्क लागू करता है तो निर्यात लागत बढ़ जाएगी और प्रतिस्पर्धा में भारत पिछड़ सकता है।

भारत सरकार की रणनीति क्या है?

सरकार ने Indian Export Tariff Hike से बचने के लिए कई स्तर पर कूटनीतिक प्रयास तेज कर दिए हैं। भारत ने अमेरिका को कुछ उत्पादों पर टैरिफ में कटौती और कुछ बाजारों को आंशिक रूप से खोलने का प्रस्ताव दिया है। इसके बदले अमेरिका से 26% शुल्क हटाने की अपील की गई है।

इसके अलावा भारत ने WTO में भी इस मुद्दे को उठाने की योजना बनाई है ताकि बहुपक्षीय दबाव बनाया जा सके।

Indian Export Tariff Hike का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

यदि Indian Export Tariff Hike लागू हुआ, तो भारतीय निर्यातकों की कमाई में भारी गिरावट हो सकती है। अनुमान के अनुसार, यह फैसला 15 अरब डॉलर तक के वार्षिक निर्यात को प्रभावित कर सकता है। इसका सीधा असर रोजगार पर भी पड़ेगा क्योंकि निर्यात उद्योग में लाखों लोग कार्यरत हैं।

विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे व्यापार घाटा बढ़ सकता है और विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव आ सकता है।

FAQs

Q1. Indian Export Tariff Hike क्या है?

यह अमेरिका द्वारा भारतीय निर्यात उत्पादों पर 26% तक का अतिरिक्त शुल्क लगाने का प्रस्ताव है।

Q2. Indian Export Tariff Hike कब लागू होगा?

यदि भारत-अमेरिका व्यापार समझौता 9 जुलाई तक नहीं होता, तो यह शुल्क 9 जुलाई से लागू हो सकता है।

Q3. Indian Export Tariff Hike से कौन से सेक्टर ज्यादा प्रभावित होंगे?

मुख्य रूप से कपड़ा, ऑटो पार्ट्स, स्टील और कृषि उत्पाद।

Q4. क्या भारत सरकार इस शुल्क से बचाव कर रही है?

हाँ, भारत सरकार अमेरिकी प्रशासन से बातचीत कर रही है और WTO में भी विकल्प तलाश रही है।

Q5. इससे भारतीय उपभोक्ताओं पर क्या असर होगा?

शुल्क बढ़ने से निर्यात में गिरावट आ सकती है, जिससे उत्पादन घटेगा और कुछ उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं।

Q6. Indian Export Tariff Hike लागू होने पर भारत का कौन सा राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित होगा?

टेक्सटाइल और एग्रीकल्चर आधारित निर्यात पर ज्यादा निर्भर राज्यों जैसे गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पंजाब पर इसका सबसे बड़ा असर पड़ेगा।

Q7. क्या Indian Export Tariff Hike केवल भारत पर लागू होगा?

जी नहीं, अमेरिका ने यह उच्च शुल्क कई देशों पर लगाने का ऐलान किया था, लेकिन भारत प्रमुख निर्यातक देश होने के कारण अधिक प्रभावित होगा।

Q8. क्या Indian Export Tariff Hike से भारत के व्यापार घाटे में बढ़ोतरी होगी?

हां, अगर शुल्क लागू होता है तो निर्यात घटने से व्यापार घाटा बढ़ सकता है और डॉलर की मांग बढ़ने से रुपये पर दबाव पड़ सकता है।

Q9. Indian Export Tariff Hike का MSME सेक्टर पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

MSME सेक्टर के लिए यह बड़ा झटका हो सकता है क्योंकि छोटे निर्यातक लागत बढ़ने के कारण प्रतिस्पर्धा में पिछड़ सकते हैं।

Q10. अगर समझौता हो जाता है तो Indian Export Tariff Hike कैसे टाला जा सकता है?

अगर भारत और अमेरिका किसी आंतरिम व्यापार समझौते पर सहमत हो जाते हैं या अमेरिका समय सीमा बढ़ा देता है, तो यह शुल्क टल सकता है।

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