Iran Israel War: नेतन्याहू ने दिया जवाबी कार्रवाई का संकेत
Iran Israel war अब एक खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है। हाल ही में ईरान द्वारा दक्षिणी इज़रायल के एक प्रमुख अस्पताल पर मिसाइल हमला किया गया, जिसमें दर्जनों नागरिक घायल हो गए। यह हमला न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक स्तर पर चिंता का विषय बन गया है। Iran Israel war की शुरुआत के बाद से यह अब तक का सबसे गंभीर हमला माना जा रहा है।
हमले के बाद इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह स्पष्ट किया कि ईरान के इस कृत्य का जवाब ज़रूर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पूरे हमले के लिए ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इससे यह साफ हो गया है कि Iran Israel war अब केवल सैन्य टकराव नहीं बल्कि राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर भी गहराता जा रहा है।
इस हमले में घायल लोगों की संख्या 40 से अधिक बताई जा रही है। अस्पताल की सेवाएं पूरी तरह से बाधित हो गई हैं और केवल आपातकालीन मामलों को ही प्राथमिकता दी जा रही है। Iran Israel war के चलते इज़रायली रक्षा बल (IDF) ने अब जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है और ईरान के परमाणु संयंत्रों और सैन्य ठिकानों पर हमले किए गए हैं। इस सबके बीच, Iran Israel war का असर पूरी दुनिया की राजनीति और अर्थव्यवस्था पर पड़ता दिख रहा है।
हमले की पूरी जानकारी और इज़रायल की प्रतिक्रिया
ईरान द्वारा दागे गए लगभग 30 मिसाइलों में से कुछ सीधे बीयरशेवा शहर के अस्पताल और पास की रिहायशी इमारतों पर गिरीं। यह हमला किसी भी मानवतावादी मानकों के खिलाफ था और इसे इज़रायल ने युद्ध अपराध कहा है। इज़रायली वायुसेना ने इसके जवाब में ईरान के अराक हैवी वॉटर रिएक्टर, नतांज परमाणु केंद्र और तेहरान स्थित कुछ सरकारी भवनों पर हमले किए।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने मीडिया से कहा कि अब यह टकराव एक निर्णायक दौर में प्रवेश कर गया है और इज़रायल पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर ईरान ने दोबारा ऐसा किया, तो उसके परिणाम बहुत गंभीर होंगे।
वैश्विक प्रतिक्रिया और अमेरिका की भूमिका
Iran Israel war की घटनाओं पर अमेरिका, रूस और यूरोपीय देशों की नजर बनी हुई है। अमेरिका ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह इज़रायल के साथ है और यदि आवश्यकता पड़ी तो वह सैन्य कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा। व्हाइट हाउस के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले से ही कुछ विशेष ऑपरेशनों को हरी झंडी दे दी है, जो जरूरत पड़ने पर सक्रिय किए जा सकते हैं।
वहीं रूस और फ्रांस जैसे देशों ने शांति की अपील की है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दोनों देशों से संयम बरतने और कूटनीति के ज़रिए समाधान निकालने का अनुरोध किया है।
ईरान की प्रतिक्रिया और भविष्य की आशंका
ईरान ने भी इस हमले को “ज़रूरी आत्मरक्षा” बताया है और कहा है कि जब तक इज़रायल फिलिस्तीन में अपने “अत्याचार” बंद नहीं करता, तब तक युद्ध जारी रहेगा। ईरान के धार्मिक नेता खामेनेई ने कहा कि वे इस संघर्ष को अंतिम मोड़ तक ले जाएंगे और किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेंगे।
इस पूरी परिस्थिति में सबसे बड़ा खतरा आम नागरिकों पर मंडरा रहा है। दोनों देशों में सैकड़ों लोग घायल और दर्जनों की जान जा चुकी है। अगर स्थिति जल्द नहीं संभाली गई, तो यह संघर्ष एक और बड़े मध्यपूर्व युद्ध में बदल सकता है।
निष्कर्ष
पहलू | विवरण |
---|---|
हमले का स्थान | बीयरशेवा, इज़रायल |
मुख्य निशाना | अस्पताल और आवासीय क्षेत्र |
घायल नागरिक | 40+ |
इज़रायली प्रतिक्रिया | परमाणु संयंत्रों पर हमला |
अमेरिका की स्थिति | इज़रायल के साथ |
ईरान का जवाब | संघर्ष जारी रखने की चेतावनी |
Iran Israel war अब केवल एक सीमित सैन्य संघर्ष नहीं रहा, बल्कि यह क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक शांति के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है। आने वाले कुछ दिन इस युद्ध के दिशा और परिणाम को तय करेंगे। दुनिया की निगाहें अब मध्यपूर्व पर टिकी हैं।