SCO बैठक भारत: आतंकवाद के बिना बयान भारत के लिए अस्वीकार्य – जयशंकर का बड़ा बयान

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SCO बैठक भारत

SCO बैठक भारत में उस समय बड़ा विवाद खड़ा हो गया जब भारत ने आतंकवाद पर ठोस जिक्र न होने के कारण संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने से साफ इनकार कर दिया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस पर स्पष्ट शब्दों में कहा कि आतंकवाद पर चुप्पी या नरमी भारत के लिए किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। यह रुख न केवल भारत की विदेश नीति की मजबूती को दर्शाता है, बल्कि संगठन में भविष्य की चुनौतियों का संकेत भी देता है।


SCO बैठक भारत में विवाद क्यों हुआ?

SCO बैठक भारत का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर सहमति बनाना था। लेकिन भारत ने स्पष्ट किया कि जब तक संयुक्त बयान में आतंकवाद का कड़ा और स्पष्ट विरोध शामिल नहीं किया जाएगा, तब तक वह उस पर समर्थन नहीं देगा।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, बैठक के दौरान भारत ने यह प्रस्ताव रखा कि आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा की जानी चाहिए। हालांकि कुछ देशों, विशेषकर पाकिस्तान और चीन, ने आतंकवाद का जिक्र हटाने पर जोर दिया। इसी कारण अंतिम मसौदे पर सहमति नहीं बन सकी।


SCO बैठक भारत: जयशंकर ने क्या कहा?

SCO बैठक भारत के बाद जयशंकर ने कहा, “अगर कोई बयान आतंकवाद जैसे गंभीर खतरे पर चुप्पी साधेगा तो भारत उसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। यह हमारी राष्ट्रीय नीति और सिद्धांतों के खिलाफ है।”

उन्होंने यह भी कहा कि भारत की प्राथमिकता हमेशा रही है कि आतंकवाद के मुद्दे पर कोई ढील न बरती जाए। उनका यह बयान दर्शाता है कि भारत आने वाले समय में भी इस रुख पर अडिग रहेगा।


SCO बैठक भारत में भारत का सख्त रुख क्यों जरूरी था?

भारत ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमलों का हवाला देते हुए SCO मंच पर यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया। भारत का मानना है कि अगर क्षेत्रीय संगठन अपने साझा बयान में आतंकवाद का जिक्र तक नहीं करेगा तो उसका संदेश गलत जाएगा।

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, आतंकवाद पर ठोस शब्दों का प्रयोग न करना पाकिस्तान जैसे देशों के लिए गलत संकेत भेजता, जो अक्सर आतंकवादी समूहों को संरक्षण देने के आरोपों में घिरा रहता है।


SCO बैठक भारत: अन्य सदस्य देशों की प्रतिक्रिया

जहां भारत ने आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाया, वहीं कुछ सदस्य देश इससे असहज नजर आए। चीन ने बयान को “संतुलित” बनाए रखने की दलील दी जबकि पाकिस्तान ने इस पर खुलकर विरोध नहीं किया लेकिन आतंकवाद के जिक्र से असहमति जताई।

विश्लेषकों का मानना है कि भारत की यह कड़ी प्रतिक्रिया SCO में भविष्य के संवाद को और चुनौतीपूर्ण बना सकती है।


SCO बैठक भारत: आगे क्या हो सकता है?

भारत ने यह साफ कर दिया है कि किसी भी बहुपक्षीय संगठन में आतंकवाद के मुद्दे पर कोई समझौता संभव नहीं है। आगामी SCO शिखर सम्मेलन में भारत इस रुख को और मजबूती से रख सकता है। इससे SCO के साझा दृष्टिकोण पर भी असर पड़ सकता है।


📌 FAQs – SCO बैठक भारत

Q1. SCO बैठक भारत में विवाद का मुख्य कारण क्या था?

SCO बैठक भारत में विवाद का मुख्य कारण आतंकवाद पर स्पष्ट शब्दों में निंदा न करना था।

Q2. भारत ने संयुक्त बयान पर दस्तखत क्यों नहीं किए?

भारत ने आतंकवाद का जिक्र हटाने पर असहमति जताई और इसी कारण हस्ताक्षर करने से मना किया।

Q3. क्या अन्य देशों ने आतंकवाद पर भारत का समर्थन किया?

कुछ देशों ने भारत के रुख को समझा लेकिन पाकिस्तान और चीन ने इससे दूरी बनाए रखी।

Q4. SCO बैठक भारत में जयशंकर ने क्या कहा?

जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद पर चुप्पी भारत के लिए अस्वीकार्य है और यह हमारी नीति का उल्लंघन है।

Q5. इस विवाद से SCO के भविष्य पर क्या असर पड़ेगा?

संभावना है कि आने वाले सम्मेलन में इस मुद्दे को और गंभीरता से उठाया जाएगा।

Q6. SCO क्या है?

SCO यानी शंघाई सहयोग संगठन, एक क्षेत्रीय समूह है जिसमें भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान समेत कई देश सदस्य हैं।

Q7. भारत आतंकवाद पर इतना सख्त क्यों है?

भारत दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है और इसके खिलाफ हमेशा कड़ा रुख रखता है।

Q8. क्या भविष्य में कोई समाधान निकलेगा?

संभावना है कि आगे की बैठकों में सभी सदस्य देश इस मुद्दे पर सहमति बना सकते हैं।

Q9. क्या SCO बैठक में आर्थिक मुद्दों पर भी चर्चा हुई?

हां, सुरक्षा के साथ व्यापार और संपर्क बढ़ाने पर भी विचार हुआ।

Q10. SCO बैठक कितनी महत्वपूर्ण होती है?

यह क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है।

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